झारखंड में मिल गई भक्तों को छठ घाट पर छठ करने की इजाजत – हिंदू आस्था का महापर्व छठ पूजा कल से शुरू होने वाली है। देशभर में जिस तरह से कोरोनावायरस का संक्रमण फैला हुआ है, इसको देखते हुए प्रदेश भर में कोरोनावायरस की गाइडलाइन जारी की गई है। बढ़ते हुए संक्रमण के मद्देनजर पूजा त्योहारों पर सख्ती बरती गई। इसी सख्ती को बरकरार रखते हुए पूरे देश भर में छठ पूजा में भी कोरोनावायरस के गाइडलाइन को जारी किया गया। मगर छठ माता के भक्तों की आस्था के आगे सरकार को भी गाइडलाइन में परिवर्तन करना पड़ा। झारखंड राज्य में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गाइडलाइन के मद्देनजर छठ घाटों में व्रतियों के आने पर पाबंदी लगा दी थी। झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी भक्तों की भावनाओं को समझते हुए गाइडलाइन में परिवर्तन किया।
झारखंड में मिल गई भक्तों को छठ घाट पर छठ करने की इजाजत, देखिए मुख्यमंत्री ने क्या कहा
आप भी देखिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्या कहा –
2 गज की दूरी अनिवार्य रहेगी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रद्धालुओं एवं छठ व्रतियों के सुरक्षा को महत्व देते हुए छठ घाटों में भी 2 गज की दूरी का पालन करने की अपील की है। कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए गाइडलाइन का पालन करते हुए व्रती छठ घाट में छठ पूजा कर सकेंगे। इस पूरे विषय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रेस को संबोधित करते हुए इस बात की जानकारी दी।
जानकारी के लिए बता दें कि छठ महापर्व कब से शुरू हो रहा है। झारखंड एवं बिहार राज्य में छठ पर्व काफी श्रद्धा पूर्वक और नेम निष्ठा से मनाया जाता है। हालांकि छठ पर्व उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अलावा देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है लेकिन बिहार और झारखंड के लिए यह पर्व काफी महत्वपूर्ण है। बिहार एवं झारखंड के निवासियों के लिए छठ पर्व सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि एक परंपरा है। यहां के निवासियों को यह परंपरा अपने प्राणों से भी प्रिय है। यही कारण है कि छठ पर्व की महत्ता के आगे सरकार को भी अपनी गाइडलाइन में परिवर्तन करना पड़ा।
4 दिनों तक चलता है यह महापर्व
बता दें कि छठ महापर्व 18 नवंबर से शुरू होकर 20 नवंबर तक चलेगा। 18 तारीख को नहाए खाए के साथ व्रत की शुरुआत होगी। 19 नवंबर को खीर का प्रसाद वितरण होगा और 20 नवंबर को संध्या अर्घ एवं 21 नवंबर को भोरा अर्घ के साथ महा पर्व का समापन होगा। बता दें कि छठ महापर्व में भगवान भुवन भास्कर सूर्य देव की पूजा की जाती है और माता छठ का व्रत किया जाता है। महिलाओं के साथ साथ पुरुष भी यह व्रत काफी नेम निष्ठा और आस्था के साथ करते हैं।